गोपाल ने बताया, ‘‘मैंने देखा कि मेरे माता-पिता रोजी-रोटी के लिए बहुत मेहनत करते थे। मैं हमेशा समाज और अपने परिवार की उन्नति के लिए काम करना चाहता था। इसलिए मैंने सिविल सेवा में जाने का फैसला किया। मैंने कड़ी मेहनत की और आईएएस अधिकारी बनने के लिए इस परीक्षा में कामयाबी हासिल की।’’ गोपाल अखिल भारतीय स्तर पर शीर्ष 20 रैंक में शामिल सिविल सेवा Exam के उन Topers में से हैं जिन्हें आज केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सम्मानित किया।
English और Hindi में संवाद करने में कठिनाई feel करने वाले गोपाल ने बताया कि वे अपने राज्य और देश के दूसरे हिस्सों में रहने वाले गरीबों के लिए काम करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आईएएस अधिकारी बनना मेरा हमेशा सपना रहा। यह एक सम्मानजनक सेवा है। मैं आंध्र प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र के विकास की दिशा में और काम करना चाहूंगा।’’ गोपाल के भाई ओधुड़ ने बताया कि घर और अपने इलाके में अच्छी शिक्षा और बुनियादी सुविधाएं नहीं होने के बावजूद उन्होंने संघर्ष कर पढ़ाई की।
State Bank Of India में Officer के पद पर कार्यरत ओधुड़ ने बताया, ‘‘मेरा भाई गोपाल कृष्ण पढ़ाई में काफी अच्छा रहा है। इसलिए एक बार वह सिविल सेवा की Preparation के लिए एक Coaching में गया था। वहां उसका मजाक उड़ाया गया और कहा गया कि वह Exam में सफल नहीं हो सकता, क्योंकि वह English या Hindi नहीं जानता। इसके बाद उसने इस Exam में कामयाबी हासिल करने की ठानी और अपने समर्पण से इसे कर दिखाया।’’ श्रीकाकुलम जिले के पलासा प्रखंड के परासाम्बा गांव के रहने वाले गोपाल ने तेलुगु माध्यम से इस परीक्षा में सफलता प्राप्त की।