Top 24 Facts About Airplane In Hindi
1. हर दिन, पूरी दुनिया में लगभग 2 लाख जहाज उड़ान भरते हैं. अभी तक केवल 5% जनसंख्या ही हवाई जहाज में बैठ पाई हैं.
2. तकनीक की इस दुनिया में जहाज खुद को उड़ाने में(Autopilot) सक्षम है बिना पायलट के. लेकिन यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से control room में पायलट होना जरूरी हैं.
3. हवाई जहाज में काम करने वाले पायलट समेत सभी लोगो को english आनी जरूरी हैं. क्योकिं यह Flight Internatinal language हैं.
4. हवाई जहाज उड़ाने वाले कैप्टन और फर्स्ट अफसर एक तरह का खाना नही खाते, ऐसा इसलिए यदि एक की तबीयत खराब हो जाएं तो दूसरा प्लेन संभाल सकें.
5. जहाज में इमरजेंसी के समय जो ऑक्सीजन माॅस्क आपको दिए जाते है उनके सहारे आप सिर्फ 15 मिनट जिंदा रह सकते हैं.
6. हवाई जहाजों का खाना बहुतों को पसंद नही आता क्योकिं ज्यादा ऊंचाई पर जाने के बाद हमारी जीभ का स्वाद बदल जाता है. इसलिए हवाई जहाज में मिलने वाले खाने में नमक भी ज्यादा डाला जाता हैं.
7. हवाई जहाज में Mercury (पारा) ले जाना सख्त मना है क्योकिं जहाज एल्युमिनियम बना होता है और पारा एल्युमिनियम को नष्ट कर देता हैं.
8. हवाई यात्रा के समय लोग ज्यादा गैस (पाद) छोड़ते है इसलिए जहाजों में बदबू कम करने के लिए चारकोल फिल्टर का इस्तेमाल किया जाता हैं.
9. नील आर्मस्ट्रांग जब पहली बार चाँद पर चले थे तो उनके पास राईट ब्रदर्स के पहले हवाई जहाज का एक टुकड़ा था.
10. किसी अमेरिकन की मौत हवाई जहाज दुर्घटना में होगी इस बात के चांस 1.1 करोड़ लोगो में से 1 के है लेकिन कार दुर्घटना में मरने के चांस 5,000 लोगो में से 1 के हैं.
11. आज तक की 80% हवाई जहाज दुर्घटनाएँ उड़ने के 3 मिनट के अंदर या लैंडिग के समय आखिरी 8 मिनट के अंदर हुई हैं. सबसे बड़ी हवाई जहाज दुर्घटना 1977 में टेकऑफ करते हुए हुई थी जिसमें लगभग 500 लोगो की जान गई थी.
12. बात सन् 1986 की है, एक ‘Voyager’ नाम के जहाज ने पूरी दुनिया का चक्कर लगाया वो भी बिना उतरें और बिना दोबारा फ्यूल भरवाएँ.
13. हर 5 में से 1 आदमी को उड़ने से डर लगता है उसे “Aviophobia” कहते हैं.
14. 1953 से पहले जहाज की खिड़कियों के कौने चकोर होते थे लेकिन एक दुर्घटना हुई तो इसका जिम्मेदार चकोर खिड़कियों को माना गया. तब के बाद जहाज की खिड़कियों के किनारे गोल होने लगे क्योकिं गोल किनारे हवा का ज्यादा विरोध नही करते और इससे जहाज पर अनावश्यक दबाव नही पड़ता.
15. बात सन् 1987 की है, अमेरिका के एक व्यक्ति ने एक एयर लाइन को 69 लाख रूपए देकर हवाई जहाज का आजीवन पास बनवा लिया. 2008 तक उस आदमी ने 10,000 से ज्यादा उड़ान भर डाली. इससे कंपनी को 1 अरब 42 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ. 2008 में कंपनी ने हारकर उस आदमी का पास रद्द करना पड़ा.
16. जहाज में एक ब्लैक बाॅक्स नाम की चीज होती है इसका काम जहाज की दुर्घटना होने पर उसके बारे में जानकारी देना है. चाहे कितनी भी बड़ी दुर्घटना हो जाए, प्लेन के छितड़े उड़ जाए लेकिन इस बात के बहुत ज्यादा चांस है कि ब्लैक बाॅक्स आपको ऐसा का ऐसा मिलेगा. दरअसल, ये ब्लैक बाॅक्स खास तरह की स्टील का बना होता है. तो हम पूरे जहाज को ही इस स्टील का क्यों नही बना देते ? देखो दोस्तों, यदि पूरा जहाज स्टील का बना दिया तो जहाज का वज़न बहुत ज्यादा हो जाएगा और जहाज उड़ नही पाएगा.
17. आपने देखा होगा कि ज्यादातर एरोप्लेन्स सफेद रंग के होते है, ऐसा इसलिए क्योकिं सफेद रंग की वजह से प्लेन में आई हुई खराबी जैसे: क्रेकस (तरेड़), तेल का रिसना आदि आसानी से दिख जाते हैं. साथ ही सफेद रंग गर्मी को रिफ्लेक्ट करता है इसलिए 30,000 फीट की ऊँचाई पर भी प्लेन ठंड़ा रहता हैं.
18. हवाई जहाजों को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि इन पर आसमानी बिजली का कोई असर ना हो. साल में कम से कम 1 बार या हर 1,000 घंटो की उड़ान में 1 बार तो आसमानी बिजली जहाज से टकरा ही जाती है. 1963 के बाद आसमानी बिजली की वजह से कोई प्लेन दुर्घटना नही हुई है. ये सब इंजीनियरिंग का कमाल हैं.
19. हवाई जहाज के टायर में 200 psi प्रेशर की हवा भरी जाती है जो कार के टायर की तुलना में 6 गुना ज्यादा है. अगर हवाई जहाज 273KM प्रति घंटा की रफ्तार से भी जमीन पर उतरे तो भी ये टायर उसे झेल लेंगे. कई बार आपने सुना होगा कि हर लैंडिग के बाद प्लेन के टायर बदलें जाते है. लेकिन ऐसा नही है, लगभग 200-250 लैंडिग के बाद प्लेन के टायर बदल दिए जाते हैं. ये कोई फिक्स नही बल्कि ये प्लेन पर depend करता है. हवाई जहाज के टायर बदलने के लिए भी कार की तरह जैक का ही इस्तेमाल किया जाता हैं.
20. रात में लैंडिग करते समय प्लेन की लाईट इसलिए डिम कर दी जाती है ताकि आपकी आँखो की पुतलियाँ दोबारा सही आकार में आ जाए और यदि दुर्घटना हो जाए तो आप emergency के समय अंधेरे में देखने के थोड़े से सक्षम हो जाओ. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ, कि यदि हम लाइटों के सामने है और एक दम से अंधेरा हो जाए तो हम कुछ भी नही देख पाते. धीरे-धीरे हमारी आँखे कुछ देखने के लायक होती हैं.
21. हमेशा हवाई जहाज के पिछले हिस्से में बैठना चाहिए. क्योकिं क्रैश होते समय पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों के बचने की संभावना 40% ज्यादा होती है. ब्लैक बाॅक्स को भी पिछले हिस्से में रखा जाता हैं.
22. कई बार आसमान में सफेद लाइनें दिखाई देती है ऐसे लगता है जैसे कोई राॅकेट धुआँ छोड़ते हुए जा रहा है. दरअसल, जब प्लेन का इंजन ईंधन दहन के साथ अतिरिक्त भाप छोड़ता है तो यह भाप पंखो से बाहर निकलती है और जब आसमान में ठंडी हवा के संपर्क में आती है तो ये सफेद लाइन्स बनकर दिखने लगती है. ये ठीक उसी तरह होता है जैसे ठंड के मौसम में हम अपनी साँसे देख पाते हैं.
23. फोन का Airplane Mode क्या काम आता है ?
Ans. जब आप हवाई जहाज में सफर करते हो तो फोन को एयरप्लेन मोड पर लगाने के लिए इसलिए कहा जाता है क्योकिं हवाई जहाज पूरी तरह से एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा भेजे गए निर्देशों और रडार के सिग्नल पर निर्भर रहता है. ये सिग्नल एक fix frequency में भेजे जाते है और मोबाइल नेटवर्क इसे प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए अच्छा यही है की विमान में सफर करते समय या तो अपने फोन को बिल्कुल बंद कर लें या फिर Airplane (Flight) Mode पर लगा दें.
24. यदि उड़ते जहाज का दरवाजा खुल जाए तो क्या होगा ?
Ans. जब एक बार जहाज उड़ने लगता है तो केबिन के अंदर pressure(दबाव) बनना शुरू हो जाता है. ये दबाव बाहर के दबाव की तुलना में बहुत अधिक होता है. विमान के दरवाजे भी इस दबाव को ध्यान में रखकर बनाए जाते है जिससे वो ना तो खुद खुले और ना किसी और से. विमान का दरवाजा पहले थोड़ा अंदर की तरफ खींचकर थोड़ा साइड में खिसकाकर फिर बाहर की तरफ खोला जाता हैं. इसलिए उड़ते जहाज का दरवाजा खुलना लगभग नामुमकिन है. बाई चांस अगर दरवाजा खुल भी जाता है तो ये सच है कि विमान में रखा सामान और उसमें बैठे लोग बाहर की तरफ उड़ने लगेगे. लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जब केबिन के अंदर दबाव बहुत अधिक हो और विमान बहुत ऊंचाई पर उड़ रहा हो.
2. तकनीक की इस दुनिया में जहाज खुद को उड़ाने में(Autopilot) सक्षम है बिना पायलट के. लेकिन यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से control room में पायलट होना जरूरी हैं.
3. हवाई जहाज में काम करने वाले पायलट समेत सभी लोगो को english आनी जरूरी हैं. क्योकिं यह Flight Internatinal language हैं.
4. हवाई जहाज उड़ाने वाले कैप्टन और फर्स्ट अफसर एक तरह का खाना नही खाते, ऐसा इसलिए यदि एक की तबीयत खराब हो जाएं तो दूसरा प्लेन संभाल सकें.
5. जहाज में इमरजेंसी के समय जो ऑक्सीजन माॅस्क आपको दिए जाते है उनके सहारे आप सिर्फ 15 मिनट जिंदा रह सकते हैं.
6. हवाई जहाजों का खाना बहुतों को पसंद नही आता क्योकिं ज्यादा ऊंचाई पर जाने के बाद हमारी जीभ का स्वाद बदल जाता है. इसलिए हवाई जहाज में मिलने वाले खाने में नमक भी ज्यादा डाला जाता हैं.
7. हवाई जहाज में Mercury (पारा) ले जाना सख्त मना है क्योकिं जहाज एल्युमिनियम बना होता है और पारा एल्युमिनियम को नष्ट कर देता हैं.
8. हवाई यात्रा के समय लोग ज्यादा गैस (पाद) छोड़ते है इसलिए जहाजों में बदबू कम करने के लिए चारकोल फिल्टर का इस्तेमाल किया जाता हैं.
9. नील आर्मस्ट्रांग जब पहली बार चाँद पर चले थे तो उनके पास राईट ब्रदर्स के पहले हवाई जहाज का एक टुकड़ा था.
10. किसी अमेरिकन की मौत हवाई जहाज दुर्घटना में होगी इस बात के चांस 1.1 करोड़ लोगो में से 1 के है लेकिन कार दुर्घटना में मरने के चांस 5,000 लोगो में से 1 के हैं.
11. आज तक की 80% हवाई जहाज दुर्घटनाएँ उड़ने के 3 मिनट के अंदर या लैंडिग के समय आखिरी 8 मिनट के अंदर हुई हैं. सबसे बड़ी हवाई जहाज दुर्घटना 1977 में टेकऑफ करते हुए हुई थी जिसमें लगभग 500 लोगो की जान गई थी.
12. बात सन् 1986 की है, एक ‘Voyager’ नाम के जहाज ने पूरी दुनिया का चक्कर लगाया वो भी बिना उतरें और बिना दोबारा फ्यूल भरवाएँ.
13. हर 5 में से 1 आदमी को उड़ने से डर लगता है उसे “Aviophobia” कहते हैं.
14. 1953 से पहले जहाज की खिड़कियों के कौने चकोर होते थे लेकिन एक दुर्घटना हुई तो इसका जिम्मेदार चकोर खिड़कियों को माना गया. तब के बाद जहाज की खिड़कियों के किनारे गोल होने लगे क्योकिं गोल किनारे हवा का ज्यादा विरोध नही करते और इससे जहाज पर अनावश्यक दबाव नही पड़ता.
15. बात सन् 1987 की है, अमेरिका के एक व्यक्ति ने एक एयर लाइन को 69 लाख रूपए देकर हवाई जहाज का आजीवन पास बनवा लिया. 2008 तक उस आदमी ने 10,000 से ज्यादा उड़ान भर डाली. इससे कंपनी को 1 अरब 42 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ. 2008 में कंपनी ने हारकर उस आदमी का पास रद्द करना पड़ा.
16. जहाज में एक ब्लैक बाॅक्स नाम की चीज होती है इसका काम जहाज की दुर्घटना होने पर उसके बारे में जानकारी देना है. चाहे कितनी भी बड़ी दुर्घटना हो जाए, प्लेन के छितड़े उड़ जाए लेकिन इस बात के बहुत ज्यादा चांस है कि ब्लैक बाॅक्स आपको ऐसा का ऐसा मिलेगा. दरअसल, ये ब्लैक बाॅक्स खास तरह की स्टील का बना होता है. तो हम पूरे जहाज को ही इस स्टील का क्यों नही बना देते ? देखो दोस्तों, यदि पूरा जहाज स्टील का बना दिया तो जहाज का वज़न बहुत ज्यादा हो जाएगा और जहाज उड़ नही पाएगा.
17. आपने देखा होगा कि ज्यादातर एरोप्लेन्स सफेद रंग के होते है, ऐसा इसलिए क्योकिं सफेद रंग की वजह से प्लेन में आई हुई खराबी जैसे: क्रेकस (तरेड़), तेल का रिसना आदि आसानी से दिख जाते हैं. साथ ही सफेद रंग गर्मी को रिफ्लेक्ट करता है इसलिए 30,000 फीट की ऊँचाई पर भी प्लेन ठंड़ा रहता हैं.
18. हवाई जहाजों को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि इन पर आसमानी बिजली का कोई असर ना हो. साल में कम से कम 1 बार या हर 1,000 घंटो की उड़ान में 1 बार तो आसमानी बिजली जहाज से टकरा ही जाती है. 1963 के बाद आसमानी बिजली की वजह से कोई प्लेन दुर्घटना नही हुई है. ये सब इंजीनियरिंग का कमाल हैं.
19. हवाई जहाज के टायर में 200 psi प्रेशर की हवा भरी जाती है जो कार के टायर की तुलना में 6 गुना ज्यादा है. अगर हवाई जहाज 273KM प्रति घंटा की रफ्तार से भी जमीन पर उतरे तो भी ये टायर उसे झेल लेंगे. कई बार आपने सुना होगा कि हर लैंडिग के बाद प्लेन के टायर बदलें जाते है. लेकिन ऐसा नही है, लगभग 200-250 लैंडिग के बाद प्लेन के टायर बदल दिए जाते हैं. ये कोई फिक्स नही बल्कि ये प्लेन पर depend करता है. हवाई जहाज के टायर बदलने के लिए भी कार की तरह जैक का ही इस्तेमाल किया जाता हैं.
20. रात में लैंडिग करते समय प्लेन की लाईट इसलिए डिम कर दी जाती है ताकि आपकी आँखो की पुतलियाँ दोबारा सही आकार में आ जाए और यदि दुर्घटना हो जाए तो आप emergency के समय अंधेरे में देखने के थोड़े से सक्षम हो जाओ. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ, कि यदि हम लाइटों के सामने है और एक दम से अंधेरा हो जाए तो हम कुछ भी नही देख पाते. धीरे-धीरे हमारी आँखे कुछ देखने के लायक होती हैं.
21. हमेशा हवाई जहाज के पिछले हिस्से में बैठना चाहिए. क्योकिं क्रैश होते समय पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों के बचने की संभावना 40% ज्यादा होती है. ब्लैक बाॅक्स को भी पिछले हिस्से में रखा जाता हैं.
22. कई बार आसमान में सफेद लाइनें दिखाई देती है ऐसे लगता है जैसे कोई राॅकेट धुआँ छोड़ते हुए जा रहा है. दरअसल, जब प्लेन का इंजन ईंधन दहन के साथ अतिरिक्त भाप छोड़ता है तो यह भाप पंखो से बाहर निकलती है और जब आसमान में ठंडी हवा के संपर्क में आती है तो ये सफेद लाइन्स बनकर दिखने लगती है. ये ठीक उसी तरह होता है जैसे ठंड के मौसम में हम अपनी साँसे देख पाते हैं.
23. फोन का Airplane Mode क्या काम आता है ?
Ans. जब आप हवाई जहाज में सफर करते हो तो फोन को एयरप्लेन मोड पर लगाने के लिए इसलिए कहा जाता है क्योकिं हवाई जहाज पूरी तरह से एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा भेजे गए निर्देशों और रडार के सिग्नल पर निर्भर रहता है. ये सिग्नल एक fix frequency में भेजे जाते है और मोबाइल नेटवर्क इसे प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए अच्छा यही है की विमान में सफर करते समय या तो अपने फोन को बिल्कुल बंद कर लें या फिर Airplane (Flight) Mode पर लगा दें.
24. यदि उड़ते जहाज का दरवाजा खुल जाए तो क्या होगा ?
Ans. जब एक बार जहाज उड़ने लगता है तो केबिन के अंदर pressure(दबाव) बनना शुरू हो जाता है. ये दबाव बाहर के दबाव की तुलना में बहुत अधिक होता है. विमान के दरवाजे भी इस दबाव को ध्यान में रखकर बनाए जाते है जिससे वो ना तो खुद खुले और ना किसी और से. विमान का दरवाजा पहले थोड़ा अंदर की तरफ खींचकर थोड़ा साइड में खिसकाकर फिर बाहर की तरफ खोला जाता हैं. इसलिए उड़ते जहाज का दरवाजा खुलना लगभग नामुमकिन है. बाई चांस अगर दरवाजा खुल भी जाता है तो ये सच है कि विमान में रखा सामान और उसमें बैठे लोग बाहर की तरफ उड़ने लगेगे. लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जब केबिन के अंदर दबाव बहुत अधिक हो और विमान बहुत ऊंचाई पर उड़ रहा हो.