भारत के प्रमुख जलप्रपातो के नाम एवं ऊंचाई (List of Important Waters falls of India in Hindi)
जलप्रपात किसे कहते है?
जलप्रपात शब्द से साधारणत: पानी के संकलित रूप से गिरने का बोध होता है। प्राचीन समय से ही प्रपातों से अनेक लाभ उठाए जा रहे हैं। सर्वप्रथम प्रपातों द्वारा पनचक्की चलाने का प्रचलन हुआ। पर्वतीय प्रदेशों में पनचक्कियाँ विशेषकर जलप्रपातों द्वारा ही चलती हैं और लोग पनचक्कियों द्वारा ही पिसाई कराते हैं। जब नहरों का निर्माण हुआ तब जलप्रपातों पर पहले पनचक्कियाँ ही स्थापित की गईं, जिससे सिंचाई के अतिरिक्त आटा पीसे जाने की सुविधा हो सके। फिर जब पनबिजली का विकास हुआ तब जलप्रपातों पर पनबिजली बनाने के लिये बड़े बड़े यंत्र लगाए जाने लगे।
जलप्रपातों की उत्पत्ति कैसे होती है?
जलप्रपातों की उत्पत्ति दो प्रकार से होती है:
- प्राकृतिक जलप्रपात
- कृत्रिम जलप्रपात
1. प्राकृतिक जलप्रपात किसे कहते है?
प्राकृतिक जलप्रपात बहुधा पर्वतीय क्षेत्रों में होते हैं, जहाँ भूतल का उतार चढ़ाव अधिक होता है। वर्षा ऋतु में तो छोटे बड़े जल-प्रपात प्राय: सभी पहाड़ी क्षेत्रों में देखने को मिलते हैं, कुछ क्षेत्रों में, भू-स्तर तुलनात्मक तौर पर कठोर और नरम होने के कारण, बहते पानी से कटाव द्वारा भूतल में एक ही स्थल पर गिराव पैदा हो जाता है और कहीं-कहीं सामान्य समतल क्षेत्रों में भी जलप्रपात प्राकृतिक रूप से बन जाते हैं। पृथ्वी के गुरुत्व द्वारा प्रेरित होकर पानी का वेग जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे ही उसके भू-स्तर के कटाव की क्षमता बढ़ती जाती है और प्रपात बड़ा होता जाता है। यह क्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कि कुछ प्राकृतिक संतुलन न हो जाए, और प्रपात के विस्तार में स्थिरता नहीं आ जाती है।
2. कृत्रिम जलप्रपात किसे कहते है?
कृत्रिम प्रपात बहुधा नहरों पर बनाए जाते हैं। जहाँ नहरें यातायात के लिए बनी होती हैं, वहाँ पानी के वेग को कम करने के लिये प्रपात बनाए जाते हैं और नावों का आवागमन लॉकों द्वारा हुआ करता है। कभी-कभी नदियों में भी ऐसे लॉक बनाए जाते हैं। भू-सिंचाई के लिए बनाई गई नहरों में भी जलप्रपात इसीलिए बनाए जाते हैं कि पानी का वेग कम किया जा सके। ऐसे बहुत से प्रपात उत्तर प्रदेश की गंगा तथा शारदा नहरों पर बनाए गए हैं। अन्य प्रदेशों की नहरों पर भी जलप्रपात बनाए जाते हैं। आइये जानते है भारत का कौन-सा जलप्रपात कहाँ स्थित है:-
भारत के प्रमुख जलप्रपातो के नाम एवं ऊंचाई की सूची:
जलप्रपात का नाम | किस नदी पर स्थित है | ऊंचाई (मीटर में) |
महात्मा गांधी या जोग गरसोप्पा जलप्रपात | शरावती नदी | 255 |
येना जलप्रपात | महाबलेश्वर के समीप नर्मदा | 183 |
शिव समुद्रम् | कावेरी नदी | 98 |
गोकक जलप्रपात | कृष्णा की सहायक गोकक | 55 |
पायकारा जलप्रपात | नीलगिरि क्षेत्र | – |
चूलिया जलप्रपात | चम्बल नदी | 18 |
पुनासा जलप्रपात | चम्बल नदी | 12 |
मधार जलप्रपात | चम्बल नदी | 12 |
बिहार जलप्रपात | नर्मदा नदी | 10 |
धुआंधार जलप्रपात | नर्मदा नदी | 10 |
हुंडरू जलप्रपात | स्वर्णरेखा नदी | – |
कुंचीकल जलप्रपात | वाराही नदी | 455 |
बरेईपानी जलप्रपात | बुधाबलंगा नदी | 399 |
लांगशियांग जलप्रपात | किंशी नदी | 337 |
नोहकालिकाई जलप्रपात | – | 340 |
दूधसागर जलप्रपात | मांडोवी नदी | 310 |
मीनमुट्टी जलप्रपात | कल्लर नदी | 300 |
थलियार जलप्रपात | – | 297 |
बरकाना जलप्रपात | सीता नदी | 259 |
वसुधारा जलप्रपात | अलकनंदा नदी | – |
किलियूर जलप्रपात | किलियूर नदी | – |
चित्रकूट जलप्रपात (न्याग्रा जलप्रपात) | इंद्रावती नदी | 90 फुट |
चचाई जलप्रपात | बीहड़ नदी | 130 |