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गणित : साझा/Partnership (सिर्फ 5-TRICK)

साझा/Partnership 

साझा (Partnership) : जब कुछ लोग आपस में मिलकर व्यापार या धंधा करते है। तो इस प्रकार के व्यापारिक सम्बन्ध को साझा कहते है और उस धंधे या व्यापार में शामिल हुए ये लोग साझेदार (Partner) कहलाते है। ये साझेदार उस व्यापार या धंधे में होने वाले लाभ एवं हानि के लिए उत्तरदायी होते है। जो धन ये लोग उस व्यापार या धंधे में लगाते है उसे पूंजी (Capital) कहते है।
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व्यापार अथवा धंधे में हुए लाभ अथवा हानि के बंटवारे की तीन परिस्थितियां हो सकती है :
1. जब साझेदारों ने समान समय के लिए अलग-अलग धन लगया हो।
2. जब साझेदारों ने समान धन अलग-अलग समय के लिए लगाया हो।
3. जब साझेदारों ने अलग-अलग धन अलग-अलग समय के लिए लगाया हो।
साझेदारी को निम्नलिखित दो भागो में बांटा जा सकता है :
साधारण साझेदारी या सरल साझेदारी (Simple Partnership) : इसमे सभी साझेदारी अपनी पूँजी समान समय के लिए लगते है अतः ऐसी साझेदारी में व्यापार से प्राप्त लाभ या हानि को साझेदारों द्वारा लगाई पूँजी के अनुपात में बाँट दिया जाता है।
जटिल साझेदारी या मिश्रित साझेदारी (Compound Partnership) : सभी साझेदार अपनी पूंजी भिन्न-भिन्न समयो के लिए व्यापार में लगते है,अतः इस साझेदारी में व्यापार से प्राप्त लाभ या हानि को साझेदारों द्वारा लगाई गई पूँजी तथा समय के गुणनफल के अनुपात में बाँट दिया जाता है।
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कार्यकारी साझेदारी (Working Partner) : किसी कंपनी या व्यापार के साझेदारों में एक या कुछ साझेदार ऐसे होते है, जो पूर्णतः सक्रीय होते है, ऐसे साझेदार/साझेदारों को शुद्ध लाभ में से अलग से कुछ राशि दी जाती है तथा शेष राशियों को सभी साझेदारों के बीच पूँजी तथा समय के अनुपात में बाँट दिया जाता है।
निष्क्रिय साझेदार (Sleeping Partner) : ऐसे साझेदार व्यापार में सक्रिय रूप से भाग नही लेते है। उनकी मात्र पूँजी एक निश्चित समय तक के लिए लगी होती है। कुल शुद्ध लाभ में से कार्यकारी साझेदारी को अलग से दी जाने वाली राशि के बाद जो शेष बचता है उसे निष्क्रिय साझेदारों के बिच पूँजी तथा समय के अनुपात में बाँट दिया जाता है।
Partnership : Only 5 Important Tricks

TRICK NO.1 : यदि A एवं B दो व्यक्ति X1 और X2 धन क्रमशः t1 और t2 समय के लिए लगाते है तो एक निश्चित समय के बाद लाभांश का बंटवारा इस प्रकार होगा :


उदाहरण : A ने 1,20,000रु के साथ कोई व्यापार शुरू किया। 4 महीने बाद B 1,60,000रु के साथ व्यापार में शामिल हो गया। एक वर्ष के अंत में A और B कुल लाभ को किस अनुपात में बाटेंगे?
हल : 

उदाहरण : A ने 4000रु एक व्यापार में लगाये और B ने उसी व्यापार में 4500रु लगाये। 2890रु के लाभ में A का हिस्सा क्या होगा।
हल : 


TRICK NO.2 : यदि A, B, C क्रमशः x1, x2, x3 पूँजी के साथ क्रमश: t1, t2, t3 समय के लिए पूंजी लगाते है तो लाभांश का अनुपात इस प्रकार होगा : 

उदाहरण : A, B तथा C ने क्रमशः 5000रु, 10,000रु तथा 15,000रु के साथ व्यापार शुरू किया। एक वर्ष बाद B व्यापार से हट गया। यदि दो वर्ष के अंत में उन्हें कुल लाभ 12,000रु का हुआ तो उसमे B का हिस्सा ज्ञात करे।
हल : 

TRICK NO.3 : यदि A और B एक चारागाह किराये पर ले तथा क्रमश: t1 और t2 समय के लिए गायो को चराए तो : 

उदाहरण : A तथा B 1690रु में एक चारागाह किराये पर लेते है। A उसमे 700 गायो को 8 महीने तक चराता है तो B कितने गायो को 11 महीने तक चराता है कि उसे किराये के 990रु चुकाने पड़े?
हल : 

TRICK NO.4 : यदि A और B मिलकर कोई समान x रु में किराये पर लेते है तथा उसे क्रमशः t1 और t2 समय के लिए उपयोग करते है तो : 

उदाहरण : मोहन, उमेश तथा शंकर मिलकर 2,600रु में एक कार किराये पर लेते है। यदि उन्होंने उस कार को क्रमशः 24, 36 तथा 44 घंटे प्रयोग किया तो उमेश को कितने रूपये अदा करने चाहिए?
हल : उमेश द्वारा अदा की जाने वाली धन राशि : 

TRICK NO.5 : A तथा B ने मिलकर एक व्यापार किया। A तथा B क्रमशः x तथा y समय के लिए पूँजी लगते है व अंत में मिले लाभ को c : d के अनुपात में बाँटा जाता है। यदि A और B ने क्रमशः a और b रूपये निवेश किये हो तो : 

उदाहरण : x तथा y ने मिलकर एक व्यापार किया। अंत में मिले लाभ को उन्होंने 2 : 3 के अनुपात में बाँट लिया। यदि x ने 40रूपये निवेश किया हो तो y ने कितना धन निवेश किया।
हल : 
अभ्यास हेतु प्रश्न-उत्तर

-By Singh

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